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अन प्रवास इथेच संपला
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रविवार, ७ जुलै, २०१३
मै भ्रष्ट या,तू भ्रष्ट
(मेरी मराठी कविता "मी भ्रष्ट कि,तु भ्रष्ट" का हिंदी अनुवाद.)
मै भ्रष्ट या,तू भ्रष्ट ।
इसमे तो रोज लेते कष्ट ॥
आम आदमी तो मरता है ।
पर राजकारणी तो हमेशा रहे श्रेष्ठ ॥
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